The loans available on LIC are secured loans
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आधा इंडिया नहीं जानता इस लोन के बारे में, Personal Loan से कहीं ज्यादा सस्ता और हर महीने EMI का कोई टेंशन नहीं |
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इमरजेंसी में जब पैसों की जरूरत होती है तो लोग क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के बारे में सोचते हैं. क्रेडिट कार्ड से शॉर्ट टर्म लोन लेकर काम चलाया जा सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए पर्सनल लोन बेहतर माना जाता है. हालांकि पर्सनल लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं और हर महीने EMI चुकाने का बोझ सिर पर होता है. लेकिन एक लोन ऐसा भी है जो आपको पर्सनल लोन से सस्ता पड़ता है और इसमें EMI देने का कोई लोड नहीं होता. इसका रीपेमेंट सिस्टम इतना आसान है कि आप अपनी सुविधा के हिसाब से लोन को चुका सकते हैं. ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होगी. यहां जानिए इस लोन के बारे में.
पॉलिसी पर मिलने वाला लोन सिक्योर्ड लोन है. इसे देते समय बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी को गिरवी रख लेती है.लोन वापस न करने पर या लोन की बकाया राशि पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से अधिक हो जाने पर कंपनी को आपकी पॉलिसी समाप्त करने का अधिकार है. अगर आपकी बीमा पॉलिसी लोन चुकाने से पहले मैच्योर हो जाती है है तो आपकी राशि से बीमा कंपनी लोन की राशि काट सकती है.
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1. जानिए कौन सा लोन है ये
हम बात कर रहे हैं LIC लोन की. एलआईसी अपनी तमाम पॉलिसीज पर लोन की सुविधा देता है. अगर आपके पास LIC पॉलिसी है और उस पर लोन की सुविधा मौजूद है तो आप मुश्किल समय में उस लोन को लेकर पैसों का इंतजाम कर सकते हैं. इस लोन में बहुत पेपर वर्क की जरूरत नहीं होती और ग्राहक सिर्फ 3 से 5 दिन की अवधि में ही लोन की राशि प्राप्त कर सकता है.
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2. कोई प्रोसेसिंग फीस या हिडेन चार्जेज नहीं
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3. हर महीने EMI का चक्कर नहीं
एलआईसी पॉलिसी पर अगर आप लोन लेते हैं तो इसका रीपेमेंट काफी आसान होता है. इसमें लोन चुकाने कि लिए अच्छा खासा टाइम मिलता है क्योंकि लोन की अवधि न्यूनतम छह महीने से लेकर इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी तक हो सकती है. ऐसे में ग्राहक के लिए अच्छी बात ये है कि इस लोन पर हर महीने EMI चुकाने की टेंशन नहीं होती. जैसे-जैसे पैसे जमा होते जाएं, आप उसके हिसाब से पैसे दे सकते हैं. लेकिन एक बात ध्यान रहे कि वार्षिक ब्याज इसमें जुड़ता रहेगा. अगर कोई ग्राहक 6 महीने की न्यूनतम अवधि के भीतर लोन का निपटान करता है, तो उसे 6 महीने की पूरी अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करना होता है.
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4. लोन चुकाने के 3 ऑप्शन
इसमें लोन तीन तरह से चुका सकते हैं. पहला तरीका- पूरे मूलधन को ब्याज के साथ चुकाएं. दूसरा तरीका- बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी के समय क्लेम अमाउंट के साथ मूलधन का निपटान करें. ऐसे में अब आपको केवल ब्याज राशि चुकानी होगी. तीसरा तरीका- सालाना ब्याज राशि चुकाएं और मूल राशि को अलग तरीके से चुकाएं.
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5. कितना लोन मिल सकता है?
LIC में लोन की राशि सरेंडर वैल्यू के हिसाब से तय की जाती है. आपको पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू का 80 से 90 फीसदी तक लोन मिल सकता है.
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6. LIC पर मिलने वाला लोन सिक्योर्ड लोन है?
पॉलिसी पर मिलने वाला लोन सिक्योर्ड लोन है. इसे देते समय बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी को गिरवी रख लेती है.लोन वापस न करने पर या लोन की बकाया राशि पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से अधिक हो जाने पर कंपनी को आपकी पॉलिसी समाप्त करने का अधिकार है. अगर आपकी बीमा पॉलिसी लोन चुकाने से पहले मैच्योर हो जाती है है तो आपकी राशि से बीमा कंपनी लोन की राशि काट सकती है.
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7. लोन के लिए कैसे करें अप्लाई
पॉलिसी के बदले लोन लेने के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अप्लाई कर सकते हैं. ऑफलाइन के लिए आपको एलआईसी ऑफिस में जाकर केवाईसी डॉक्यूमेंट्स के साथ लोन के लिए आवेदन करना होगा. वहीं ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए LIC ई-सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करें. इसके बाद अपने अकाउंट में लॉग-इन करें. इसके बाद चेक करें कि आप बीमा पॉलिसी बदले लिए जाने वाले लोन को प्राप्त करने के लिए योग्य है या नहीं. यदि है तो लोन की नियम, शर्तें, ब्याज दरें आदि के बारे में अच्छे से पढ़ लें. इसके बाद एप्लीकेशन सबमिट करें और KYC दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करें.
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